
Diwali Puja Shubh Muhrata 2024
Diwali Puja Muhurat: हर कोई चाहता है की माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहे और कारोबार में तरक्की हो हर साल दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है | सभी लोग अपने घर में माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते है हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विशेष पूजा विधि आरंभ करने का अपना एक मुहूर्त होता है | कुछ लोग दिवाली पूजा मुहूर्त निकलवाना भूल जाते है और किसी भी मुहूर्त में पूजा पूजा करना आरंभ कर देते है पर ऐसा नहीं करना चाहिए अपने पूज्य गुरु या किसी ज्योतिषी से Diwali Puja Muhurat अवश्य निकलवाये और दिवाली पूजा मुहूर्त में करें
Diwali Puja Muhurat
ज्योतिषी पंडित हनुमंशरण उपाध्याय जी के अनुसार Diwali Puja Muhurat दीपावली पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में Diwali Puja Muhurat अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे प्रारंभ हो रही है। और 1 नवम्बर 2024 को शाम 5:32 पे संपन होगी | ज्योतिषी पंडित हनुमंशरण उपाध्याय जी ने बताया की Diwali Puja Muhurat 31 अक्टूबर 2024 को रात्रि 8:12 से 10:31 तक जादा शुभ मना जायेगा |
Diwali Kyu Manate Hai – दिवाली क्यों मानते है
दिवाली भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे मनाने के कई कारण हैं:
रामायण से जुडी परंपरा भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है नागरिकों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था यह हर्षो उल्लाश का त्यौहार है बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक एवं राम द्वारा रावण पर विजय प्रकाश द्वारा अंधकार पर विजय, धन और समृद्धि की देवी की आराधना, कृष्ण द्वारा नरकासुर वध: परिवार और दोस्तों के साथ मिलन का अवसर, आपसी प्रेम और सद्भावना का त्योहार, इत्यादि
दिवाली सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि अंधकार में भी प्रकाश की किरण की तलाश करनी चाहिए और बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है।
दिवाली में इस विधि से करें माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा
पूजन की तैयारी
- घर की साफ-सफाई करें
- शुद्ध वस्त्र धारण करें
- पूजा स्थल को स्वच्छ करें
- रंगोली बनाएं चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं
पूजन सामग्री
- लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या चित्र
- रोली, चावल, फूल, माला
- अगरबत्ती, दीप, घी
- मिठाई, फल, नैवेद्य गंगाजल
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल)
दिवाली पूजन विधि
- संध्या के समय स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें
- पूजा स्थल पर आसन बिछाकर बैठें
- संकल्प करें: “ॐ विघ्नेश्वराय नमः, श्री महालक्ष्म्यै नमः”
सबसे पहले गणेश जी का पूजन
- पंचामृत से स्नान
- रोली-चावल से तिलक
- फूल, माला अर्पित करें
- मोदक का भोग लगाएं
लक्ष्मी जी का पूजन
- पंचामृत से स्नान
- कुमकुम से तिलक
- फूल, माला अर्पित करें
- मिष्ठान का भोग लगाएं
आरती करें: “ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता” “सुख संपत्ति दाता, जय लक्ष्मी माता” मंत्र जाप करें: “ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” क्षमा प्रार्थना करें
विशेष ध्यान रखें:
- पूजा में तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं
- दीपक जलाते समय शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें
- पूजा के दौरान पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें
- श्रद्धा और विश्वास से पूजा करें
Note : इस विधि से की गई पूजा से माता लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। (ज्योतिषी प.हनुमानशरण जी के अनुसार)
निष्कर्ष
इस लेख में हमने Diwali Puja Muhurat के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है साथ में माता लक्ष्मी एवं गणेश पूजन विशी के बारे में बताया है हम आशा करते है की हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी से आप संतुष्ट होगे |
दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें……. माता लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे